तांडव Taandav Lyrics - Laal Kaptaan

तांडव Taandav Lyrics - Laal Kaptaan
तांडव Taandav Lyrics - Laal Kaptaan


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हिंदी में तांडव गीत, कैलाश खेर, बृजेश शांडिल्य द्वारा गाए गए फिल्म लाला कप्तान से। तांडव गीत पुनीत शर्मा द्वारा लिखा गया है, जिसे समीरा कोप्पिकर ने लिखा है। सैफ अली खान, मानव विज, ज़ोया हुसैन, दीपक डोबरियाल अभिनीत। संगीत लेबल इरोस।

गाना: रेड रेड नजरिया
फिल्म: लाल कप्तान
गायक: कैलाश खेर, ब्रिजेश शांडिल्य
गीतकार: पुनीत शर्मा
संगीतकार: समीरा कोप्पिकर

Taandav Lyrics in Hindi

शोर है अंधेर में
जो ढ़ेर मुर्दा पेड़ों का
सुलग गया, झुलस गया
लो ज्वाला ज्वाला आग है
काठ ही के ढ़ेर में
वो फेर जीव जन्म का
लो जल गया धुआँ हुआ
लो स्वाहा स्वाहा राख है

डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
मस्तकों में माया-माया
चट-चटकती
खट खटकती
भट-भटकती नाचती
छातियों में त्राहि-त्राहि
धन-धनकती
झन-झनकती
एक सुलगती त्रासदी
योजनाएँ यम बनाता
काल दौड़े तमतमाता
अंतरिक्ष सब समय के
डमरूओं को डमडमाता
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
ओ..
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
ओ हो..
सूर्या के जो तूर्य थे
बज रहे धारा पे हैं
रुंड मुंड झुंड से ये दब रही धारा
मंथनो को चूसते नीले नीले होंठ हैं
सौ सौ ज्वार फूंकती हैं सर्प सी भुजा
शोर है अंधेर में
जो ढ़ेर मुर्दा पेड़ों का
सुलग गया, झुलस गया
लो ज्वाला ज्वाला आग है
काठ के ही ढ़ेर में
वो फेर जीव जन्म का
लो जल गया धुआँ हुआ
लो स्वाहा स्वाहा राख है
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
ओ..
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
ओ हो..


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